नाट्यगीते ७
देवाघरचे द्न्यात कुणाला - (यमन) गुंतता ऱ्हदय हे - ( खमाज) साद देती हिमशिखरे - ( सारंग) नको विसरू संकेत मीलनाचा - ( मुलतानी) तव भास अंतरा झाला, - (मिश्र खमाज) गर्द सभोती रान, साजणी अर्थशून्य भासे मज हा -(अहीर भैरव) |
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३१. | संगीत मीरा मधुरा - वसंत कानेटकर - ६ मे १९६८ |
स्वप्नात पाहिले जे ते राहू देत स्वप्नी - (गौडमल्हार) आनंद सुधा बरसे - (नंद) |
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३२. | संगीत कट्यार काळजात घुसली - पुरुषोत्तम दारव्हेकर - २४ हिसें. १९६७ |
तेजोनिधी लोह गोल - (ललत पंचम) या भवनातिल गीत पुराणे - (बिहागडा) घेई छंद मकरंद - (सालगवराळी/धानी) दिन गेले भजनाविण - बिलावल) मुरलीधर श्याम, हे नंदलाल - (पूरिया कल्याण) सुरत पियाकी न छिन बिसराये - (सोहनी) |
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३३. | संगीत ययाति-देवयानी - वि. वा. शिरवाडकर - २० ऑगस्ट १९६८ |
यतिमन मम मानित त्या - (देस) मी मानापमाना नच मानितो - (बिहागडा) प्रेम वरदान - (गावती) सर्वात्मका सर्वेश्वरा - (भैरवी) तम निशेचा सरला - (भैरवी) |
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३४. | संगीत दुरितांचे तिमिर जावो - बाळ कोल्हटकर - ३१ मार्च १९५७ |