नाट्यगीते ८
आई तुझी आठवण येते तू जपून टाक पाउल जरा |
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३५. | संगीत देव दीनाघरी धावला - बाल कोल्हटकर |
ऋणानुबंधाच्या, जिथून पडल्या गाठी | |
३६. | संगीत होनाजी बाळा - चिं. यं. मराठे |
श्रीरंगा कमलाकांता हरी पदराते सोडा - (पहाही) घन:श्याम सुंदरा श्रीधरा - (भूप) |
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३७. | संगीत धन्य ते गायनी कळा - गोपालकृष्ण भोबे - १६-११-६८ |
हे करुणाकरा ईश्वरा, - (मारवा) दान करी रे गुरुधन - (बागेश्री) चिरंजीव राहो जगी या - (ललत) |
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३८. | संगीत रंगात रंगला श्रीरंग - योगिनी जोगळेकर - ४ जाने. १९७० |
हे सागरा नीलांबरा - (अडाणा) | |
३९. | संगीत हे बंध रेशमाचे - रणजित देसाई |
छेडियल्या तारा - (मांड) आज सुगंध आला लहरत - ( सिंदुरा) विकल मन आज झुरत असहाय - ( सरस्वती) सजणा, का धरिला परदेस - (मारू बिहाग) काटा रुते कुराला - (भीमपलास) संगीत रस सुरस - (सावनी) दैव किती अविचारी |