नाट्यगीते ५
२१. | संगीत कुलवधू - मो. ग. रांगणेकर - २२ ऑगस्ट १९४२ |
क्षण आला भाग्याचा मन रमणा मधुसूदना बोला अमृत बोला - (भैरवी) |
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२२. | संगीत देवमाणूस - नागेश जोशी |
छळी जीवा दैवगती अशी - (भैरवी) चांद माझा हा हासरा - (पहाडी) दिलरुबा मधुर हा दिलाचा - (भीमपलास) |
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२३. | संगीत सुवर्णतुला - विद्याधर गोखले - १० ऑगस्ट १९६४ |
अंगणी पारिजात फुलला - (बिहाग) रागिणी मुखचंद्रमा - (गोरखकल्याण) रतिहुन सुंदर मदनमंजिरी तोचि विश्वंंभर विश्वााचा आधार फुलला मनी बसंतबहार - (पहाडी) कोण ही सुंदरा यदुवरा - (मदुकंस) |
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२४. | संगीत पंडितराज जगन्नाथ - विद्याधर गोखले |
सावन घन गरजे, बजाये - (मल्हार) मदनाची मंजिरी साजिरी - (बागेश्री) नयन तुझे जादुगार - (बिलावल) जय गंगे भागीरथी - (कलावती) |
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२५. | संगीत मंदारमाला - विद्याधर गोखले |